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यूक्रेन का ड्रोन अटैक

यूक्रेन का ड्रोन अटैक

Ukraine drone attack: यूक्रेन का रूस पर आधुनिक ड्रोन युद्ध और भारत के लिए सबक

Ukraine drone attack:

Ukraine drone attack: हाल ही में एक चौंकाने वाली घटना ने वैश्विक सुरक्षा रणनीतियों और सैन्य सोच को हिला कर रख दिया है।

यूक्रेन ने कथित तौर पर “स्पाइडर वेब ऑपरेशन” के तहत रूस के अंदर गहराई तक घुसकर उसके न्यूक्लियर

स्ट्रेटेजिक बॉम्बर्स को सस्ते ड्रोन के जरिए तबाह कर दिया। यह हमला न केवल तकनीकी दृष्टि से अद्वितीय था,

बल्कि यह दर्शाता है कि आज के युग में युद्ध के नियम पूरी तरह से बदल चुके हैं। Ukraine drone attack:


2 बिलियन डॉलर का नुकसान: रूस की ऐतिहासिक क्षति

ड्रोन द्वारा किए गए इस हमले में TU-95 जैसे न्यूक्लियर बॉम्बर्स को निशाना बनाया गया।

यूक्रेन के अनुसार, कुल नुकसान लगभग

2 बिलियन डॉलर का हुआ है। ये बॉम्बर्स विश्व के चुनिंदा देशों के पास ही होते हैं

और भारत के पास अभी तक ऐसा कोई एयरक्राफ्ट नहीं है।

यूक्रेन ने इस पूरे ऑपरेशन को रिकॉर्ड करने के लिए खुद अपने ड्रोन की फुटेज सार्वजनिक की, जिसमें यह देखा जा सकता है

कि ड्रोन टारगेट के “वीक पॉइंट” को पहचान कर उसी हिस्से को निशाना बनाता है। Ukraine drone attack:

यह पूरे ऑपरेशन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग किए जाने का स्पष्ट प्रमाण है।


ऑपरेशन “Spider’s Web”: डेढ़ साल की प्लानिंग

यह हमला यूक्रेन का कोई त्वरित प्रतिक्रिया नहीं था, बल्कि डेढ़ साल की गुप्त प्लानिंग का परिणाम था।

यूक्रेन ने पहले ही रूस के विभिन्न हिस्सों में गुप्त रूप से आत्मघाती ड्रोन भेज दिए थे। इन ड्रोन को संभवतः

रूस में मौजूद गद्दारों की मदद से देश के अंदर पहुंचाया गया। फिर एक साथ देश के विभिन्न हिस्सों—मॉस्को, साइबेरिया,

नॉर्दन रशिया और सबमरीन बेस—पर इन ड्रोन से हमले किए गए।

इस ऑपरेशन की सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि इन ड्रोन हमलों को रूस

के डिफेंस सिस्टम जैसे S-400 पहचान नहीं पाए,

क्योंकि ये हमले आंतरिक रूप से किए गए थे—रूस के भीतर से। Ukraine drone attack:


रूस की प्रतिक्रिया और आंतरिक रोष

रूसी सोशल मीडिया और आम जनता की प्रतिक्रिया भी बेहद आक्रोशपूर्ण रही।

व्लादिमीर पुतिन पर कार्रवाई न करने का

दबाव साफ देखा जा रहा है। कई रूसी नागरिक और प्रभावशाली लोग अब खुलकर मांग कर रहे हैं

कि यूक्रेन के खिलाफ निर्णायक कदम उठाए जाएं, यहां तक कि “यूक्रेन को पूरी तरह नष्ट कर देने” की बातें भी सामने आई हैं।

रूस अब तक इस संघर्ष को “ऑपरेशन” कहता रहा है, लेकिन अब जनता मांग कर रही है

कि इसे एक “वॉर” की तरह लिया जाए और पूरी ताकत झोंकी जाए।


अमेरिका और ट्रंप का संदर्भ

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक पुरानी टिप्पणी फिर से चर्चा में आ गई है

जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर वो राष्ट्रपति होते,

तो रूस के साथ “बहुत बुरी घटनाएं” पहले ही हो चुकी होतीं। इससे यह संकेत मिलता है

कि अमेरिका का अप्रत्यक्ष समर्थन या खुफिया जानकारी इस हमले के पीछे हो सकती है,

हालांकि अमेरिका ने इस ऑपरेशन से अपने किसी भी प्रकार के संबंध से इनकार किया है।


भारत के लिए सबक: आंतरिक खतरे और ड्रोन युद्ध

इस पूरे ऑपरेशन से भारत के लिए कई गंभीर सबक सामने आते हैं। भारत में पहले से ही कई राज्यों में ISI से जुड़े जासूसी

नेटवर्क उजागर हो चुके हैं—जिनमें राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात और पंजाब के मामले शामिल हैं।

ऐसे में अगर किसी देश ने भारत के भीतर गुप्त रूप से ड्रोन या अन्य सैन्य उपकरण तैनात कर दिए,

तो हमारे डिफेंस सिस्टम भी उतने ही बेबस हो सकते हैं जितने रूस के रहे।

हाल ही में एक केस सामने आया जिसमें एक युवक ने प्यार के झांसे में आकर इंडियन नेवी की लोकेशन लीक कर दी।

यह सिर्फ एक उदाहरण है कि कैसे दुश्मन देश सायकोलॉजिकल ट्रैप

और डिजिटल माध्यमों से भारतीय नागरिकों को अपने पक्ष में कर सकते हैं। Ukraine drone attack:


 टेक्नोलॉजी, स्ट्रैटेजी और सतर्कता का युग

“ऑपरेशन स्पाइडर्स वेब” एक केस स्टडी है जिसे हर देश को गंभीरता से स्टडी करना चाहिए—खासतौर पर भारत को।

AI, ड्रोन टेक्नोलॉजी और स्लीपर सेल्स जैसे तत्व आज की सुरक्षा रणनीति के अनिवार्य पहलू बन चुके हैं।

भविष्य के युद्धों में सिर्फ हथियार नहीं, बल्कि डेटा, नेटवर्क, और स्थानीय समर्थन निर्णायक भूमिका निभाएंगे।

भारत को अपनी सुरक्षा व्यवस्था, साइबर इंटेलिजेंस और नागरिक चेतना को अब और मजबूत करने की आवश्यकता है।

 

ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सैन्य चतुराई ने किया पाकिस्तान को चकित4

https://en.wikipedia.org/wiki/Attacks_in_Russia_during_the_Russian_invasion_of_Ukraine

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