
Russia & China
Russia & China : एक गहरी दोस्ती या छिपा हुआ खतरा?
Russia & China :हाल ही में, न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट ने रूस और चीन के रिश्तों की नई परतें उजागर की हैं।
इस रिपोर्ट में रूस की प्रमुख इंटेलिजेंस एजेंसी एफएसबी (Federal Security Service)
के लीक हुए दस्तावेजों का हवाला दिया गया है,
जिसमें चीन को रूस के लिए एक गंभीर खतरे के रूप में चित्रित किया गया है।
🔍 एफएसबी की रिपोर्ट: चीन को ‘दुश्मन’ मानने की चेतावनी
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, रूस की एफएसबी ने चीन को ‘दुश्मन’ के रूप में वर्गीकृत किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने रूस के वैज्ञानिकों और सैन्य विशेषज्ञों को अपने पक्ष में करने के लिए प्रस्ताव दिए हैं,
ताकि वे रूस की सैन्य तकनीकों की जानकारी प्राप्त कर सकें। इसके अतिरिक्त, चीन ने आर्कटिक क्षेत्र में खनन कंपनियों और
विश्वविद्यालयों के माध्यम से जासूसी गतिविधियाँ बढ़ाई हैं। यह सब रूस की सैन्य और
तकनीकी जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
🤝 पुतिन और श्री जिनपिंग की दोस्ती के पीछे की सच्चाई
व्लादिमीर पुतिन और शी जिनपिंग की मुलाकातें अक्सर होती हैं, जिसमें दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने की बात होती है।
हालांकि, एफएसबी की रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि रूस की इंटेलिजेंस एजेंसी चीन को एक संभावित खतरे
के रूप में देख रही है। यह विरोधाभास रूस की विदेश नीति और आंतरिक सुरक्षा चिंताओं के बीच के अंतर को दर्शाता है।
🌍 भारत के लिए क्या मायने रखता है?
रूस और चीन के रिश्तों में इस तरह के तनाव का भारत पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
भारत, जो रूस का पारंपरिक मित्र रहा है, को इस बदलते समीकरण को समझने की आवश्यकता है।
यदि रूस और चीन के रिश्तों में और तनाव बढ़ता है, तो भारत को अपनी विदेश
नीति में समायोजन करने की आवश्यकता हो सकती है।
🧠 निष्कर्ष
रूस और चीन के रिश्तों में सतह पर दोस्ती दिखाई देती है, लेकिन गहरे में एक छिपा हुआ खतरा भी मौजूद है।
एफएसबी की रिपोर्ट ने इस खतरे को उजागर किया है, जो भविष्य में वैश्विक राजनीति को प्रभावित कर सकता है।
भारत को इस बदलते परिप्रेक्ष्य में अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।
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