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क्या 12% GST हटेगा   :

क्या 12% GST हटेगा   :

क्या 12% GST हटेगा   : जानिए पूरी खबर

लेखक- मनीष कुमार , अजीत मिश्र , अर्पित तिवारी                                                                                                                                 श्रोत static  study    

क्या 12% GST हटेगा  : gst जिसको लेके पुरे भारत में सभी लोग बहुत परेशानी में रहते है खास क्भार हमारे व्यापारी बंधू  में जीएसटी (GST – वस्तु एवं सेवा कर) एक ऐतिहासिक कर सुधार था, जिसे 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था। इसमें विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं को 0%, 5%, 12%, 18% और 28% स्लैब में बांटा गया। अब अगर 12% GST को हटाया जाता है, तो इसका असर न केवल व्यापार और उद्योग जगत पर पड़ेगा, बल्कि आम आदमी के जीवन पर भी गहरा प्रभाव पड़ेगा।

यह लेख इसी विषय को विस्तार से समझाता है: अगर सरकार 12% GST स्लैब को पूरी तरह हटा देती है, तो इसके पीछे की रणनीति, असर और संभावित फायदे/नुकसान क्या होंगे?

अज के इस विषय में हम कुछ प्रमुख प्रश्नों के उत्तर जानने वाले है जैसे कि क्या अब सर्कार gst हटाने वाली है क्या इसके बाद gst और बढेगा या फिर gst में कुछ  कमी आयेगी या फिर gst में होगी बढ़ोत्तरी ऐसे ही कुछ प्रश्नों में जवाब हम स्थैतिक स्टडी कि इस नयी पोस्ट में जानने वाले है इस पोस्ट में आपको हर तरह के प्रश्नों के उत्तर मिल जायेंगे आप हमसे जुड़े रहिये और हर एक क्षेत्र कि विशेष जानकारी पते रहते हम अप्क्को देते है सही व सटीक न्यूज़ ……..


🔶 GST 12% स्लैब में आने वाले प्रमुख उत्पाद और सेवाएं

पहले जान लेते हैं कि 12% GST स्लैब में कौन-कौन सी वस्तुएं और सेवाएं आती हैं:

क्या 12% GST हटेगा   :

क्या 12% GST हटेगा   :

  • मोबाइल फोन और एक्सेसरीज
  • प्रोसेस्ड फूड (पनीर, बटर, फ्रोजन फूड)
  • सेनेटरी नपकिन
  • सिंथेटिक कपड़े
  • कुछ प्रकार की मशीनरी और औद्योगिक उपकरण
  • होटल सर्विसेज (₹1000 से ₹2500 प्रति रात)
  • कुछ मेडिकेशन और हेल्थ उपकरण

इन सभी पर अभी 12% टैक्स लगता है। अब अगर यह स्लैब पूरी तरह हटेगा तो इनका टैक्स या तो 5% हो जाएगा या 18% पर भेजा जाएगा – यानी सस्ता या महंगा।


🔷 12% GST हटाने के पीछे की संभावित नीति

केंद्र सरकार और जीएसटी काउंसिल इस विचार पर चर्चा कर चुकी हैं कि 5 स्लैब वाली जटिल व्यवस्था को आसान बनाना ज़रूरी है। 12% और 18% स्लैब को मर्ज करके एक एकीकृत 15% स्लैब लाने का सुझाव भी पहले रखा गया था।

मुख्य कारण:

  • कर संग्रह की क्षमता बढ़ाना
  • जटिलता कम करना
  • कर चोरी रोकना
  • एकसमान टैक्स सिस्टम बनाना

🔶 अगर 12% स्लैब हटता है तो क्या हो सकता है?

विकल्प 1: 12% स्लैब को 5% में मर्ज करना

फायदे:

  • उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर सामान मिलेगा
  • मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी
  • MSME सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा

नुकसान:

  • सरकार को टैक्स रेवेन्यू में घाटा हो सकता है
  • राज्यों की कमाई में असर पड़ सकता है

विकल्प 2: 12% स्लैब को 18% में शामिल करना

फायदे:

  • सरकार का टैक्स रेवेन्यू बढ़ेगा
  • टैक्स संग्रह की दक्षता बढ़ेगी

नुकसान:

  • आम उपभोक्ता को महंगाई का झटका
  • व्यापारियों पर लागत बढ़ने का बोझ

🔷 किन वर्गों पर पड़ेगा असर?

🧑‍💼 व्यापारी और व्यवसायी वर्ग:

  • उन्हें टैक्स स्लैब के बदलावों के हिसाब से अपने सॉफ्टवेयर और अकाउंटिंग सिस्टम बदलने होंगे
  • कुछ उत्पादों पर इनपुट टैक्स क्रेडिट की जटिलता बढ़ सकती है

👨‍👩‍👧‍👦 उपभोक्ता:

  • रोजमर्रा के उत्पाद जैसे साबुन, हेयर ऑयल, मोबाइल आदि या तो सस्ते होंगे या महंगे

🏭 उद्योग और मैन्युफैक्चरिंग:

  • उत्पाद की लागत और कीमत पर सीधा असर होगा
  • सिंथेटिक वस्त्र उद्योग पर भारी असर

🏥 हेल्थकेयर सेक्टर:

  • कुछ दवाओं और मेडिकल उपकरणों की कीमतें घट या बढ़ सकती हैं

🔶 क्या ये फैसला आर्थिक सुधार की दिशा में होगा?

हाँ, अगर इसे सही तरीके से लागू किया जाए और व्यापारियों को वक्त दिया जाए, तो यह ‘Ease of Doing Business’ के दृष्टिकोण से बड़ा सुधार होगा। इसके साथ-साथ टैक्स चोरी को रोकने में मदद मिलेगी और डिजिटल इनवॉइसिंग को भी बढ़ावा मिलेगा।


🔷 क्या इससे महंगाई बढ़ेगी या घटेगी?

यह इस बात पर निर्भर करता है कि किस स्लैब में वस्तुएं भेजी जाती हैं:

  • अगर 12% से 5% में जाएं: महंगाई घटेगी
  • अगर 12% से 18% में जाएं: महंगाई बढ़ेगी

इसका सीधा असर CPI (Consumer Price Index) और खुदरा महंगाई पर पड़ेगा।


🔶 अंतरराष्ट्रीय तुलना

दुनिया के कई देशों में यूनिफॉर्म टैक्स सिस्टम है, जैसे कि:

  • UAE और GCC देशों में: एक ही रेट – 5%
  • सिंगापुर: 8% जीएसटी फ्लैट
  • ऑस्ट्रेलिया: एक स्लैब – 10%

भारत में भी ऐसा करना कर व्यवस्था में पारदर्शिता और सहजता लाएगा।


🔷 संभावित कदम जो सरकार उठा सकती है

  • सभी उत्पादों की लिस्टिंग और असर का मूल्यांकन
  • जनता और व्यापार मंडल से सुझाव
  • ट्रांजिशन के लिए समय देना (3–6 महीने)
  • डिजिटल पोर्टल और रूल बुक अपडेट

🔶 निष्कर्ष

12% GST स्लैब को हटाना भारत में टैक्स सुधार की दिशा में बड़ा कदम हो सकता है। इससे जटिलता घटेगी, कर संग्रह में सुधार होगा, और उपभोक्ताओं को कुछ हद तक राहत मिल सकती है — लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि इसे कैसे और किन दरों के साथ लागू किया जाता है।


🔷 सुझाव

  1. सरकार को निर्णय लेने से पहले सभी हितधारकों से परामर्श लेना चाहिए।
  2. एक बार में पूरी व्यवस्था बदलने के बजाय, चरणबद्ध तरीके से बदलाव हो।
  3. उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखा जाए ताकि महंगाई पर नियंत्रण बना रहे।

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