
Dreamline 787 Plane Crash In Gujarat,
Dreamline 787 Plane Crash In Gujarat: 242 यात्रियों की थी बोर्डिंग – जांच शुरू
Dreamline 787 Plane Crash In Gujarat, अहमदाबाद, भारत। एक चौंकाने वाले हादसे में एयर इंडिया
की एक इंटरनेशनल फ्लाइट, जो गुजरात के अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, टेकऑफ के कुछ ही
समय बाद क्रैश हो गई। यह विमान बोइंग का अत्याधुनिक 787 ड्रीमलाइनर था, जिसे दुनिया का सबसे सुरक्षित विमान माना जाता रहा है।
हादसे का दृश्य भयावह, दुनिया भर में चिंता
यह हादसा इतना भयावह था कि इसके वीडियो और इमेजेस इंटरनेट पर वायरल हो गए।
दुनिया भर में लोग इस क्रैश को देखकर अपनी उड़ानों को लेकर चिंतित हो गए हैं।
कई यात्रियों के परिजनों और एयर ट्रैवल करने वालों में चिंता और घबराहट की लहर दौड़ गई है।
फ्लाइट में थे 242 यात्री
फ्लाइट संख्या AI-171 में कुल 242 यात्री सवार थे, जिनमें 168 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे।
रिपोर्ट्स के अनुसार, विमान टेकऑफ के तुरंत बाद अहमदाबाद एयरपोर्ट से कुछ किलोमीटर की दूरी पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
यह दुर्घटना एक डॉक्टर्स हॉस्टल की इमारत पर हुई, जिसमें 15 डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
पायलट के पास था अनुभव, फिर भी क्यों हुआ हादसा?
फ्लाइट के पायलट के पास 8000 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव था।
इसके बावजूद विमान इतनी जल्दी कैसे दुर्घटनाग्रस्त हो गया, यह जांच का विषय है।
प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, विमान भारी मात्रा में फ्यूल लेकर उड़ान पर था, जिससे क्रैश के बाद जोरदार विस्फोट हुआ।
एयर इंडिया ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट किए ब्लैक
घटना की गंभीरता को देखते हुए एयर इंडिया ने अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल्स – प्रोफाइल पिक्चर और बैनर
– ब्लैक कर दिए हैं। कंपनी ने शोक व्यक्त करते हुए फिलहाल किसी भी प्रकार की विस्तृत जानकारी साझा नहीं की है।
क्या यह 2010 के बाद का सबसे बड़ा हवाई हादसा है?
2010 में मेंगलोर एयर क्रैश में 158 लोगों की मौत हुई थी। यदि इस हादसे में मृतकों की संख्या 150 से ऊपर जाती है,
तो यह भारत के इतिहास में बीते 25 वर्षों का सबसे भयावह हवाई हादसा बन सकता है।
क्या यह सबोटाज था या तकनीकी गड़बड़ी? जांच जारी
विभिन्न थ्योरीज़ ऑनलाइन चर्चा में हैं – कुछ लोग इसे सबोटाज (षड्यंत्र) मान रहे हैं, तो कुछ तकनीकी खराबी की आशंका जता रहे हैं।
लेकिन जब तक ब्लैक बॉक्स की रिपोर्ट सामने नहीं आ जाती, तब तक कुछ भी कहना जल्दबाज़ी होगी।
बोइंग की विश्वसनीयता पर उठते सवाल
हाल के वर्षों में बोइंग के विमानों से जुड़े कई हादसे सामने आए हैं। 2024 में ही साउथ कोरिया की Jeju
एयरलाइंस की फ्लाइट 2216 क्रैश हुई थी जिसमें 94 यात्रियों की मौत हो गई थी।
इस सबके बीच बोइंग की मैन्युफैक्चरिंग क्वालिटी पर गंभीर सवाल उठते रहे हैं।
जॉन बार्नेट की चेतावनी – बोइंग में घटिया पार्ट्स का इस्तेमाल
बोइंग के पूर्व क्वालिटी मैनेजर जॉन बार्नेट ने 2019 में बीबीसी को दिए इंटरव्यू में दावा किया था’
कि बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में घटिया क्वालिटी के पार्ट्स लगाए जा रहे हैं।
उन्होंने आरोप लगाया था कि कंपनी मुनाफे के लिए सेफ्टी से समझौता कर रही है। बाद में बार्नेट की रहस्यमय परिस्थितियों में मृत्यु हो गई।
क्या भारत को चाहिए अपना खुद का विमान निर्माण कार्यक्रम?
यह हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि क्या भारत को कमर्शियल
एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ना चाहिए? चीन पहले ही अपने C919 विमान से बोइंग का विकल्प तैयार कर रहा है।
निष्कर्ष: हादसे से सबक लेने का समय
यह हादसा भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर एविएशन इंडस्ट्री के लिए एक चेतावनी है।
अब समय आ गया है कि सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और भारत को अपने नागरिक उड्डयन क्षेत्र में स्वदेशी विकल्पों पर गंभीरता से काम करना चाहिए।
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