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चीन का खतरनाक खेल:

चीन का खतरनाक खेल:

चीन का खतरनाक खेल: China’s dangerous game: 

चीन का खतरनाक खेल

चीन का खतरनाक खेल

Static Study | अंतरराष्ट्रीय रक्षा विश्लेषण | प्रकाशित: 9 जुलाई 2025

चीन का खतरनाक खेल: दोस्तों हाल में  ही में एक चौंकाने वाली और गंभीर अंतरराष्ट्रीय घटना सामने आई है, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है।

जर्मनी ने आधिकारिक रूप से चीन पर आरोप लगाया है कि उसने एक जर्मन मिलिट्री एयरक्राफ्ट को लेजर अटैक से निशाना बनाया है।

यह हमला बाब अल-मंदेब जलडमरूमध्य के पास हुआ, जहां चीन की एक वॉरशिप ने “डज़लिंग लेजर” का प्रयोग किया। क्या कारन है इसका आईये जानते है असल बात

क्या बात हुई थी ?

टो दोस्तों जर्मनी  का यह विमान यूरोपियन यूनियन के मिशन का हिस्सा था, जो यमन के खिलाफ आतंकवाद रोधी गतिविधियों में संलग्न था।

इस विमान पर अचानक एक तेज़ लेजर लाइट से हमला हुआ, जिससे पायलट अंधा हो गया और विमान क्रैश होने की स्थिति में पहुंच गया।

हालांकि, पायलट ने साहसपूर्वक विमान को संभाल लिया और एक बड़ी त्रासदी टल गई।

“डज़लिंग लेजर अटैक” असल में क्या होता है ?

इस प्रकार के लेजर अटैक का उद्देश्य किसी फाइटर जेट या मिलिट्री एयरक्राफ्ट के कॉकपिट में बैठे पायलट को अंधा करना होता है।

इस दौरान पायलट अचानक कुछ नहीं देख पाता, जिससे वो घबरा जाता है और विमान नियंत्रण खो सकता है।

अगर विमान क्रैश हो जाए, तो यह साबित करना मुश्किल हो जाता है कि हमला हुआ था।

जर्मनी का कड़ा विरोध क्यों हुआ ?

चीन का खतरनाक खेल

चीन का खतरनाक खेल

जर्मन फॉरेन ऑफिस ने इस पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए चीन को “अस्वीकार्य और खतरनाक व्यवहार” करार दिया है।

उन्होंने चीन के राजदूत को समन भेजा और इस हमले की निंदा की। आधिकारिक ट्वीट में कहा गया:

“चीनी सेना द्वारा हमारे एयरक्राफ्ट को टारगेट करना और मिशन को डिस्टर्ब करना पूरी तरह अस्वीकार्य है।”

क्या यह पहला मौका है? आईये जानते है

नहीं। इससे पहले भी चीन ने ऑस्ट्रेलिया के एयरक्राफ्ट पर इसी प्रकार के लेजर हमले किए हैं।

लेकिन तब भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया था। अब यह स्पष्ट हो रहा है

कि चीन एक रणनीतिक योजना के तहत शक्तिशाली देशों की सहनशीलता की परीक्षा कर रहा है।

भारत को क्या सबक लेना चाहिए? क्या शीखाना चाहिए

इस घटना को भारत के लिए एक चेतावनी के रूप में देखा जाना चाहिए। जिस प्रकार चीन इंडियन ओशन में अपनी गतिविधियाँ बढ़ा रहा है,

वह भारत की सुरक्षा नीति के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

अगर भविष्य में चीन भारत के P-8I Poseidon या अन्य मिलिट्री एयरक्राफ्ट को इसी तरह टारगेट करता है,

तो भारत को भी सशक्त प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार रहना चाहिए।

क्या यह ब्लू वॉटर नेवी का संकेत है? या फिर कुछ और ?

विशेषज्ञों का मानना है कि यह चीन के ब्लू वॉटर नेवी बनने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

अब वह केवल अपने क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि दुनिया के किसी भी कोने में सैन्य हस्तक्षेप कर सकता है।

चीन-रूस गठजोड़ का नया संकेत क्या होने वाला है

इसी बीच चीन ने यह भी कहा है कि वह यूक्रेन युद्ध में रूस की हार नहीं होने देगा

यह बयान सीधे तौर पर यूरोपीय देशों को संदेश देता है कि चीन अब रूस का खुला समर्थन कर रहा है

और पश्चिमी देशों की नीतियों को चुनौती दे रहा है।

अंततः क्या निकलता है निष्कर्ष

यह घटना एक सामान्य सैन्य टकराव नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति की बदलती धारा का संकेत है।

अगर वैश्विक शक्तियां इस पर मौन रहती हैं, तो आने वाले वर्षों में चीन इसी प्रकार अन्य देशों की संप्रभुता को चुनौती देना जारी रखेगा।

भारत सहित सभी लोकतांत्रिक देशों को चाहिए कि वे इस प्रकार की घटनाओं पर एकजुट होकर सख्त कार्रवाई की मांग करें, ताकि भविष्य में इस प्रकार के खतरनाक खेल रोके जा सकें।


📌 आपसे एक सवाल:हमें जवाब दे –

डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए किस देश ने नॉमिनेट किया है?

A. ईरान | B. इज़राइल | C. चीन | D. रूस

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जुड़े रहे – कंटेंट क्रिएटर – मनीष कुमार , अजीत मिश्रा एडिटर -अर्पित तिवारी से —————

https://www.bhaskar.com/news/abh-china-sea-dangerous-game-4452251-nor.html

 

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